हरियाणा: पहली चीनी मिल यमुनानगर में शुरू 175 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य
सरस्वती चीनी मिल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (Can) डीपी सिंह ने बताया कि सत्र 2023-24 के लिए पर्चियों के वितरण का कार्य पारदर्शिता के साथ तैयार किया गया है और अग्रिम कैलेंडरिंग की गई है। मिल से गन्ना पर्ची जारी होते ही संबंधित किसान के पास मैसेज पहुंच जाएगा।
यमुनानगर की सरस्वती शुगर मिल में मंगलवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गन्ना पेराई सत्र शुरू हो गया। इसका उद्घाटन मुख्य परिचालन अधिकारी एसके सचदेवा और एमडी आदित्य पुरी की बेटी नयना पुरी ने किया। प्रबंधन ने इस बार चीनी मिल में 175 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा है मिल को सर्वाधिक गन्ना आपूर्ति करने के लिए रुलाहखेड़ी गांव के किसान मुकेश कुमार और करेहड़ा खुर्द गांव के किसान घनश्याम दास को सम्मानित किया गया। गन्ना क्रय केंद्र नकुंभ से आए वाहन चालक पवन कुमार को फूल माला पहनाकर व उपहार देकर सम्मानित किया गया।
गन्ने का क्षेत्रफल 96 हजार एकड़ है।
चीनी मिल में आने वाले गन्ने का क्षेत्रफल करीब 96 हजार एकड़ है। इस बार मिल प्रबंधन ने गन्ना खरीद के लिए 45 क्रय केंद्र बनाए हैं। किसान अपना गन्ना ट्रालियों के माध्यम से क्रय केंद्रों पर डालेंगे। चीनी मिल ने क्रय केंद्र से गन्ना परिवहन के लिए अपने वाहन तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा किसान सीधे चीनी मिल में भी गन्ना डाल सकते हैं. पिछले साल चीनी मिल में 166 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई थी 28 साल बाद 31 अक्टूबर 2023 को मिल का पेराई सत्र शुरू हो गया है। इससे पहले इसे वर्ष 1995 में इसी तिथि पर लॉन्च किया गया था। मिल पिछले साल 7 नवंबर को शुरू हुई थी। सरस्वती चीनी मिल हरियाणा और पंजाब की पहली चीनी मिल है जो इतनी जल्दी शुरू की गई है।
175 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य
यमुनानगर की सरस्वती शुगर मिल | मंगलवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गन्ना पेराई सत्र शुरू हो गया |
मिल पिछले साल | 7 नवंबर को शुरू हुई थी |
22 हजार किसानों को फायदा होगा | उन्हें कोल्हू पर औने-पौने दाम पर गन्ना नहीं डालना पड़ेगा। |
चीनी मिल समय से पहले शुरू की गई है | किसानों को काफी फायदा होगा. |
मिल से गन्ना पर्ची जारी होते ही | किसान के पास मैसेज पहुंच जाएगा। |
गन्ने का क्षेत्रफल करीब 96 हजार एकड़ है | इस बार मिल प्रबंधन ने गन्ना खरीद के लिए 45 क्रय केंद्र बनाए हैं |
अंबाला जिले के करीब 22 हजार किसानों | समय पर गेहूं की बुआई कर सकेंगे |
22 हजार किसानों को लाभ हुआ
मुख्य परिचालन अधिकारी एसके सचदेवा और नयना पुरी ने कहा कि मिल का पेराई सत्र शुरू होने से यमुनानगर, कुरूक्षेत्र और अंबाला जिले के करीब 22 हजार किसानों को फायदा होगा किसान समय पर गेहूं की बुआई कर सकेंगे। खेत खाली करने के लिए उन्हें कोल्हू पर औने-पौने दाम पर गन्ना नहीं डालना पड़ेगा। किसान 25 से 30 हजार एकड़ में गन्ना काटकर गेहूं की बुआई कर सकेंगे। मजदूरों की समस्या को देखते हुए 38 गन्ना लोडर लगाए गए हैं
पर्ची जारी होते ही किसान को मिलेगा मैसेज DP सिंह
सरस्वती चीनी मिल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (Can) डीपी सिंह ने बताया कि सत्र 2023-24 के लिए पर्चियों के वितरण का कार्य पारदर्शिता के साथ तैयार किया गया है और अग्रिम कैलेंडरिंग की गई है। मिल से गन्ना पर्ची जारी होते ही संबंधित किसान के पास मैसेज पहुंच जाएगा। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे अपना गन्ना पर्ची पर अंकित तिथि एवं गन्ना प्रजाति के अनुसार ही मिल में डालें। क्योंकि अग्रिम कैलेंडरिंग में फेल पर्ची के स्थान पर दूसरा इंडेंट जारी करने का प्रावधान नहीं है। किसान बाइंडिंग की मात्रा के अनुसार गन्ने की आपूर्ति करें ताकि कम आपूर्ति के कारण लगने वाले जुर्माने से बचा जा सके।
जल्द ही गेहूं की बुआई कर सकेंगे
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के जिला प्रधान संजू गुंदियाना और बीकेयू (रतनमान) के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर ने कहा कि चीनी मिल समय से पहले शुरू की गई है, इससे किसानों को काफी फायदा होगा. चीनी मिल चलाने से पहले किसानों को 450 रुपये प्रति क्विंटल रेट घोषित करना चाहिए था। उन्होंने सरस्वती शुगर मिल प्रबंधन से किसानों को समय पर इंडेंट देने का भी अनुरोध किया ताकि उन्हें किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।